ADARSH PANDEY

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लेखनी कहानी -14-May-2022

लेखक आदर्श पाण्डेय 


आकाश परिंदो को जंजाल मे फसते देखा है।

मानव का मानव से विनाश करते देखा है।।



जब पाप के ओर  मे बढाव दिखता है।

तब पुण्य की ओर  मे दबाव बनता है।।



आजरकता फैलाने वालों को  नेता बनते देखा है ।

देश बचाने वालो  को फांसी पे चढ़ते देखा है।।



ये कौन से युग का कलुग है महा  प्रभु,

जो मानव ही मानव का आहार बनता है।

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10 Comments

Neha syed

14-May-2022 09:33 PM

👏👏

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Anam ansari

14-May-2022 09:22 PM

Nice

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Haaya meer

14-May-2022 09:01 PM

Very nice

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